Upcoming best IPO/SEBI की मंजूरी मिलने के बाद शापूरजी पैलोनजी समूह की इंफ़्रा कंपनी के साथ साथ 4 और कंपनियों द्वारा आईपीओ लाने की तैयारी

बाजार नियामक संस्था SEBI(Securities and Exchange Board of India )ने शापूरजी पैलोनजी समूह की इन्‍फ्रा कंपनी के साथ 4 और कंपनियों के आईपीओ को मंजूरी दे दी है. इन कंपनियों के आईपीओ की तारीख अभी निर्धारित नहीं है लेकिन सम्भावना है की ये सारे आईपीओ इसी महीने के आखिर तक बाजार में आ जायेंगे।


आजादी से पहले का औद्योगिक समूह और टाटा का करीबी औद्योगिक घराना अपनी एक और कंपनी को बाजार में लिस्‍ट कराने के लिए तैयार है. बाजार नियामक SEBI(Securities and Exchange Board of India) ने भी इस कंपनी के साथ 4 और कंपनियों को आईपीओ उतारने की मंजूरी दे दी है.SEBI की मंजूरी मिलने के बाद माना जा रहा कि इस महीने के आखिर तक इन पांचों कंपनियों का आईपीओ बाजार में आ जाएगा. कंपनी ने 7,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को उतारने की बात कही है.


जैसा कि विदित है की शापूरजी पालोनजी ग्रुप लगभग 160 वर्ष पुराना और एक विश्वसनीय औद्योगिक ग्रुप है और इसी ग्रुप की इंजीनियरिंग एवं निर्माण कंपनी एफकॉन्‍स इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड (एआईएल) को SEBI से मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा 4 और कंपनियों को सेबी ने आईपीओ के जरिये बाजार से धन जुटाने की मंजूरी दे दी है. SEBI (Securities and exchange board of india) की तरफ से सोमवार को जारी एक अपडेट से पता चला कि पांच कंपनियों की तरफ से दाखिल आईपीओ मंजूरी संबंधी आवेदन को स्वीकृति मिल गई है.

आईपीओ लाने वाली कंपनियां

बाजार नियामक securities and exchange board of India (SEBI) की मंजूरी हासिल करने वाली कंपनियों में एफकॉन्स(afcons infrastructure ltd)के अलावा गोदावरी बायोरिफाइनरीज(godavari biorefineries ltd), शिवालिक इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड(shivalik Engineering industries ltd), क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक (quadrant future tek ltd) और एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स(enviro infra engineers ltd) शामिल हैं. इन सभी कंपनियों ने मार्च और जून के बीच SEBI के पास अपने आईपीओ संबंधी दस्तावेज दाखिल किए थे. उन्हें पांच से लेकर 13 सितंबर के बीच SEBI की तरफ से मंजूरी का पत्र मिल गया।


कंपनियों का आईपीओ साइज

Godavari biorefineries ltd


एथनॉल और जैव-आधारित रसायन निर्माता गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड के आईपीओ में 325 करोड़ रुपये के नए निर्गम और प्रवर्तकों एवं एक निवेशक की तरफ से 65.27 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश की जाएगी.

Shivalik Engineering industries ltd


इंजीनियरिंग कंपनी शिवालिक इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज का आईपीओ 335 करोड़ रुपये के नए निर्गम और प्रवर्तकों एवं अन्य शेयरधारकों की तरफ से 41.3 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश की है।

Afcons infrastructure ltd


एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का 7,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने का प्रस्ताव है. इसमें 1,250 करोड़ रुपये के नए शेयरों के साथ प्रवर्तक फर्म गोस्वामी इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से 5,750 करोड़ रुपये तक की बिक्री पेशकश की जाएगी. फिलहाल प्रवर्तक एवं प्रवर्तक समूह कंपनियों के पास एफकॉन्स में 99.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ग्रे मार्केट में इस कंपनी के आईपीओ से 74 फीसदी रिटर्न का अनुमान लगाया जा रहा है.

Quadrant future tek ltd

क्वाड्रेंट फ्यूचर टेक पूरी तरह से नए निर्गम जारी कर अपने आईपीओ के माध्यम से 275 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य बना रही है.

Enviro infra engineers ltd


दूषित जलशोधन परियोजनाओं से जुड़ी एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स का आईपीओ 4.42 करोड़ इक्विटी शेयरों के नए निर्गम और प्रवर्तकों द्वारा 52.68 लाख शेयरों की बिक्री पेशकश का संयोजन है.

आईपीओ क्या है?


IPO (Initial Public Offering) एक ऐसा प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक निजी कंपनी पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने शेयर बाजार में बेचती है। इसका मुख्य उद्देश्य कंपनी के लिए पूंजी जुटाना होता है, जिससे वे अपने व्यापार को बढ़ा सकें या नई परियोजनाओं में निवेश कर सकें। आईपीओ के बाद, कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड हो जाते हैं और आम निवेशक उन्हें खरीद या बेच सकते हैं।

कंपनी आईपीओ क्यों लाती है?


कंपनियां आईपीओ लाने के कई कारण हो सकते हैं:

पूंजी जुटाना:

आईपीओ के माध्यम से कंपनी नए शेयर जारी करके पूंजी जुटा सकती है, जिसका उपयोग वे अपने विकास, विस्तार, या नई परियोजनाओं में कर सकती हैं।

कंपनी का विस्तार:

नई परियोजनाओं या बाजार में विस्तार के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता हो सकती है, जिसे आईपीओ के जरिए प्राप्त किया जा सकता है।

कर्ज चुकाना:

कंपनी का कर्ज चुकाने के लिए भी आईपीओ से प्राप्त धन का उपयोग किया जा सकता है।

सार्वजनिक पहचान:

आईपीओ के बाद, कंपनी की सार्वजनिक पहचान और प्रतिष्ठा बढ़ सकती है, जिससे व्यापारिक अवसर और साझेदारी में सुधार हो सकता है।

शेयरधारकों की तरलीकरण:

मौजूदा शेयरधारक, जैसे संस्थापक या वेंचर कैपिटलिस्ट, अपने शेयरों को सार्वजनिक कर के तरलीकरण प्राप्त कर सकते हैं।

प्रेरणादायक लाभ:

आईपीओ के बाद, कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने पर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

    ये कारण कंपनी के वित्तीय स्थिति, विकास योजनाओं, और बाजार के दृष्टिकोण पर निर्भर करते हैं।

    SEBI(Securities and Exchange Board of India):

    SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) भारत में प्रतिभूति बाजारों को नियंत्रित करने वाली संस्था है। इसका पूरा नाम “Securities and Exchange Board of India” है। इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1992 को हुई थी। SEBI का मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रतिभूति बाजारों (जैसे शेयर बाजार) में निवेशकों के हितों की रक्षा करना, निष्पक्षता सुनिश्चित करना, और बाजार में धोखाधड़ी या अनुचित गतिविधियों को रोकना है।

    SEBI के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

    प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले निवेशकों की सुरक्षा।

    शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड्स को विनियमित करना।

    कंपनियों द्वारा जारी किए गए शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों के वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

    SEBI का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।

    डिस्कलेमर

    IPO Initial Public Offering में निवेश जोखिमपूर्ण हो सकता है, और इसका मूल्य बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। निवेशकों को किसी भी वित्तीय नुकसान की संभावना से अवगत रहना चाहिए। अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करके और पूरी जानकारी समझने के बाद ही निवेश का निर्णय लेना एक समझदारी भरा कदम होता है। जोखिम और पुरस्कार दोनों को ध्यान में रखते हुए ही निवेशकों को यह निर्णय लेना चाहिए।

    Leave a Comment