मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्युचुअल फंड जोखिमो के स्तर का पता लगाने और उसे अधिक स्पष्ट और समझ में योग्य बनाने के लिए एक कलर कोडिग सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव दिया है जिसमें निवेदक अलग-अलग रंगों को देखकर अपने निवेश के जोखिमों को आसानी से पहुंच पहचान सकते हैं ।
वर्तमान समय में म्युचुअल फंड में निवेश बहुत तेजी से बढा है। अब लोग ज्यादा लाभ पाने के लिए सेविंग बैंक अथवा एफ डी में निवेश के स्थान पर म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करना बेहतर ऑप्शन मानते हैं।
म्युचुअल फंड अपना निवेश इक्विटी मार्केट में करता है इसलिए इसमें अधिक लाभ के साथ-साथ जोखिम की भी संभावना रहती है। इसको देखते हुए बाजार नियामक संस्था SEBI ने जोखिम को समझने योग्य बनाने के लिए एक कलर कोडिंग का सुझाव दिया है। इसका उद्देश्य है कि एक सामान्य निवेशक भी जिसे मार्केट का बहुत अधिक ज्ञान नहीं है वह रंग देखकर भी अपने निवेश में होने वाले जोखिमो का आकलन कर सकता है।
म्युचुअल फंड में निवेश एकमुश्त अथवा लंप सम के रूप में भी किया जा सकता है अथवा एक छोटा अमाउंट SIP के जरिए भी हर महीने या सप्ताह में किया जा सकता है।
सामान्यतया म्यूचुअल फंड निवेशकों को 12 से 14 प्रतिशत सालाना रिटर्न प्रदान करता है जो अन्य सुरक्षित निवेशो जैसे एफडी या सेविंग बैंक के निवेश से बेहतर रिटर्न है
कलर कोडिंग लाने का उद्देश्य
SEBI का मानना है कि निवेशकों का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसे मार्केट की पूरी समझ नहीं होती वह किसी अन्य के माध्यम से म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं ।इसलिए SEBI का सुझाव है कि म्यूचुअल फंड के जोखिम स्तरों को सरलता से समझने के लिए एक कलर कोडिंग सिस्टम होना चाहिए। इसमें अलग-अलग कलर जोखिम के अलग-अलग स्तरों को बताएंगे। SEBI का कहना है कि इस कलर कोडिंग में कुल 6 रंगों का उपयोग होगा जिसमें हरा रंग सबसे कम जोखिम का और लाल रंग बहुत अधिक जोखिम वाले म्युचुअल फंड्स निवेश का प्रतीक होगा ।
निवेशकों को जोखिम स्तर की सूचना दी जाएगी
SEBI का कहना है की यदि निवेशको के निवेश में कोई बदलाव होता है और उसके द्वारा mutual fund के जोखिम स्तर में कोई बदलाव होता है तो इसकी जानकारी निवेशकों को तुरंत दी जाएगी। जानकारी का माध्यम नोटिस, ईमेल या एसएमएस कुछ भी हो सकता है।इसके द्वारा निवेशकों को यह लाभ होगा कि वह समय-समय पर अपने निवेश के जोखिम के स्तर के बारे में अपडेट रहेंगे और उसी के अनुरूप अपने निवेश में बदलाव कर सकेंगे ।
सुझाव आमंत्रण
SEBI इस तरह की कलर कोडिंग के लिए लाए जाने वाले प्रस्ताव के संबंध में प में 18 अक्टूबर तक लोगों से सुझाव मांगे हैं ताकि म्युचुअल फंड निवेश को और बेहतर बनाया जा सके ।
रिस्क के 6 लेवल
- हरा रंग – निम्न जोखिम
- हल्का हरा पीला – मध्यम जोखिम
- चमकीला पीला – मध्यम जोखिम
- हल्का भूरा – मध्यम उच्च जोखिम
- गहरा नारंगी – उच्च जोखिम
- लाल – अत्यधिक उच्च जोखिम
डिस्क्लेमर:
शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। इस आर्टिकल का उद्देश्य वित्तीय साक्षरता प्रदान करना है, यह निवेश की सलाह नहीं है, कृपया निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य कर लें।