ELSS FUND (Equity Linked Savings Scheme) म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है, जो निवेशकों को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट प्रदान करता है। यह एक ऐसा निवेश विकल्प है जो आपको टैक्स बचाने के साथ-साथ बेहतर रिटर्न अर्जित करने का अवसर भी देता है, क्योंकि इसमें मुख्य रूप से इक्विटी (शेयर बाजार) में निवेश किया जाता है।
ELSS FUND की विशेषताएँ और लाभ:
कर छूट (Tax Benefits):
ELSS FUND के तहत आप धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कर योग्य आय ₹10 लाख है और आपने ELSS में ₹1.5 लाख का निवेश किया है, तो आपकी कर योग्य आय घटकर ₹8.5 लाख हो जाएगी, जिससे आपका टैक्स बोझ कम हो जाएगा।
लॉक-इन अवधि (Lock-in Period):
ELSS FUND में निवेश की गई राशि पर 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है। इसका मतलब है कि निवेश करने के बाद 3 साल तक आप इसे नहीं निकाल सकते। हालांकि, यह लॉक-इन अवधि अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों (जैसे PPF, NSC) की तुलना में काफी कम है।
इक्विटी में निवेश (Investment in Equity):
ELSS FUND मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश करता है। इसमें निवेश किए गए फंड्स का 65% से अधिक हिस्सा इक्विटी या इक्विटी से जुड़े उपकरणों में लगाया जाता है। इसके कारण ELSS में रिटर्न अपेक्षाकृत अधिक होता है, लेकिन यह जोखिमों के साथ भी आता है क्योंकि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
उच्च रिटर्न की संभावना (Potential for Higher Returns):
ELSS FUND के माध्यम से दीर्घकालिक निवेश करने पर आपको इक्विटी बाजार से अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। लंबी अवधि के निवेश से बाजार की उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हुए बेहतर रिटर्न प्राप्त किए जा सकते हैं। हालांकि, इसमें जोखिम भी होता है, इसलिए निवेशकों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए।
रिस्क (Risk):
ELSS FUND अन्य पारंपरिक टैक्स सेविंग योजनाओं (जैसे PPF, FD) की तुलना में जोखिमभरा हो सकता है, क्योंकि इसमें इक्विटी में निवेश किया जाता है। बाजार की अस्थिरता के कारण आपके निवेश का मूल्य घट-बढ़ सकता है।
लिक्विडिटी (Liquidity):
3 साल की लॉक-इन अवधि के बाद ELSS म्यूचुअल फंड्स में निवेश की गई राशि को रिडीम किया जा सकता है। हालांकि, यह आपके निवेश के बाजार मूल्य पर निर्भर करेगा, और रिडेम्पशन के समय बाजार की स्थिति को ध्यान में रखना जरूरी होता है।
SIP (Systematic Investment Plan) का विकल्प:
ELSS FUND में आप एकमुश्त (लंपसम) निवेश कर सकते हैं या SIP के माध्यम से नियमित निवेश कर सकते हैं। SIP आपको हर महीने एक निश्चित राशि ELSS में निवेश करने की सुविधा देता है, जिससे आपका निवेश अनुशासित रहता है और आपको बाजार की अस्थिरता से थोड़ा बचाव भी मिलता है।
कैपिटल गेन्स पर टैक्स (Tax on Capital Gains):
ELSS FUND से प्राप्त रिटर्न पर कर का प्रावधान भी होता है। 1 लाख रुपये से अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 10% का TAX लगता था जो नए बजट में बढ़ाकर 12.5 % कर दिया गया। जो कि अन्य इक्विटी निवेशों की तरह ही होता है।

Top Performing ELSS FUND
SBI LONG TERM EQUITY FUND
एसबीआई लांग टर्म इक्विटी फंड ने अपने निवेशकों को पिछले 1 साल में 56.94% का रिटर्न दिया है। एसबीआई के इस ईएलएसएस फंड का आकार लगभग 28000 करोड रुपए है।
DSP ELSS TAX SAVER FUND
डीएसपी ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड ने पिछले 1 साल में 57.09% का रिटर्न दिया है। इसका मौजूदा फंड साइज 17488 करोड रुपए है।
JM ELSS TAX SAVER FUND
जेएम ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड ने अपने निवेशकों को पिछले 1 साल में 63.70% का रिटर्न दिया है। इसका मौजूदा साइज 181 करोड रुपए है।
MOTILAL OSWAL ELSS TAX SAVER FUND
मोतीलाल ओसवाल के ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड ने पिछले 1 साल में निवेशकों को 81.29 प्रतिशत का रिटर्न दिया है इस फंड का मौजूदा साइज 3984 करोड रुपए लगभग है।
HSBC ELSS TAX SAVER FUND
एचएसबीसी ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड नने अपने निवेशकों को पिछले 1 साल में 61.44% का रिटर्न दिया है इसका मौजूदा फंड साइज 4421 करोड रुपए के लगभग है।
ELSS की तुलना अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों से:
ELSS FUND निवेश का सही विकल्प हो सकता है यदि आप जोखिम लेने के इच्छुक हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, क्योंकि इसमें कर लाभ के साथ-साथ उच्च रिटर्न की संभावना भी है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप निवेश से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश की अवधि को ध्यान में रखें।
डिस्क्लेमर:
शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। इस आर्टिकल का उद्देश्य वित्तीय साक्षरता प्रदान करना है, यह निवेश की सलाह नहीं है, कृपया निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य कर लें।