C2C Advanced System IPO की लिस्टिंग टली: SEBI के फरमान ने रोकी प्रक्रिया

C2C Advanced System IPO को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी, और यह अपने इश्यू साइज से 108 गुना ज्यादा सब्सक्राइब हुआ था। ग्रे मार्केट में भी इस IPO की प्रीमियम मांग इसे एक संभावित सफल लिस्टिंग के रूप में स्थापित कर रही थी। लेकिन SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के एक आदेश ने इस IPO की लिस्टिंग को फिलहाल स्थगित कर दिया है। निवेशक अब यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और इसका उनके निवेश पर क्या असर पड़ेगा।

C2C Advanced System IPO: निवेशकों का उत्साह और सेबी का आदेश

IPO का विवरण

C2C Advanced System IPO, जो डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम के लिए कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बनाती है, ने 22 नवंबर 2024 को अपना IPO लॉन्च किया।

इश्यू साइज: ₹99 करोड़

शेयरों की संख्या: 31,34,400 फ्रेश इश्यू

प्राइस बैंड: ₹214-226 प्रति शेयर

लॉट साइज: 600 शेयर (रिटेल निवेशकों के लिए)

लिस्टिंग तिथि: 29 नवंबर 2024 (अब स्थगित)

सब्सक्रिप्शन की स्थिति

C2C Advanced System IPO को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली:

107.72 गुना सब्सक्राइब हुआ:

रिटेल कैटेगरी में अत्यधिक मांग

HNI और QIB से भी भारी सब्सक्रिप्शन

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)

ग्रे मार्केट में इसका जीएमपी 245 रुपये था, जिससे शेयर की संभावित लिस्टिंग प्राइस ₹471 हो सकती थी। यह 108.41% का प्रीमियम संकेत दे रहा था, जो निवेशकों के लिए लिस्टिंग गेन की उम्मीद जगा रहा था।लिंक

SEBI ने क्यों टाली IPO लिस्टिंग?

सेबी का आदेश

SEBI ने C2C Advanced System Ipo की लिस्टिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश जारी किया।

क्या कहा SEBI ने?

NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) को कंपनी की लिस्टिंग फिलहाल स्थगित करने का निर्देश दिया।

कंपनी को इंडिपेंडेंट ऑडिटर नियुक्त करने और अपने वित्तीय खातों की जांच कराने के लिए कहा गया है।

शिकायत का असर

सेबी को कंपनी के खिलाफ एक शिकायत मिली थी, जिसमें इंडिपेंडेंट ऑडिटर की नियुक्ति से जुड़ी चिंताएं जताई गई थीं।

हालांकि, शिकायत का सटीक विवरण अभी स्पष्ट नहीं है।

निवेशकों को दिया गया विकल्प

SEBI ने निर्देश दिया है कि कंपनी को शेयर अलॉटमेंट से पहले निवेशकों (एंकर निवेशकों सहित) को आवेदन वापस लेने का विकल्प देना होगा।

निवेशकों के लिए सेबी के आदेश का मतलब

निवेशकों के पैसे का क्या होगा?

  1. आवेदन रद्द करने का विकल्प:

SEBI ने निर्देश दिया है कि निवेशक अपना आवेदन वापस ले सकते हैं।

इससे पहले कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी निवेशकों के पैसे सुरक्षित तरीके से लौटाए जाएं।

  1. IPO सब्सक्रिप्शन बंद:

नए सब्सक्रिप्शन तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए हैं।

  1. फंड उपयोग पर निगरानी:

SEBI ने NSE को निर्देश दिया है कि कंपनी के फंड उपयोग पर कड़ी निगरानी रखी जाए।

जीएमपी और लिस्टिंग गेन पर प्रभाव

SEBI के आदेश के बाद, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) पर भी असर पड़ सकता है। निवेशक जो इस IPO को एक शॉर्ट-टर्म गेन के रूप में देख रहे थे, उन्हें अब इंतजार करना पड़ेगा।

कंपनी का प्रोफाइल: C2C Advanced System Ipo

C2C Advanced System Ipo डिफेंस और सिक्योरिटी से जुड़े महत्वपूर्ण उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति करती है।

प्रमुख व्यवसाय:

डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स के लिए कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर

मिशन कंट्रोल से जुड़े सुरक्षा उपकरण

महत्वपूर्ण योगदान:

राष्ट्रीय रक्षा क्षेत्र में तकनीकी सशक्तिकरण

अत्याधुनिक तकनीकी समाधानों की पेशकश
निवेशकों की चिंताएं और आगे का रास्ता

निवेशकों की चिंताएं:

  1. लिस्टिंग में देरी का जोखिम:

C2C Advanced System IPO लिस्टिंग में देरी निवेशकों की योजनाओं को प्रभावित कर सकती है।

  1. SEBI की शिकायत का असर:

यदि वित्तीय खातों में कोई अनियमितता पाई जाती है, तो यह कंपनी की साख को नुकसान पहुंचा सकता है।

क्या करना चाहिए?

  1. आवेदन वापस लेने का निर्णय:

निवेशकों को सेबी द्वारा दिए गए विकल्प पर विचार करना चाहिए।

अगर निवेशक इस मामले से असहज हैं, तो आवेदन वापस लेना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।

  1. लंबी अवधि का नजरिया:

यदि कंपनी जांच में साफ निकलती है, तो इसकी लंबी अवधि की संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं

निष्कर्ष: निवेशकों को क्या करना चाहिए?

C2C Advanced System Ipo निवेशकों के लिए एक लाभदायक अवसर माना जा रहा था। लेकिन SEBI के आदेश ने फिलहाल इस पर अनिश्चितता पैदा कर दी है।

जोखिम और लाभ:

यदि कंपनी जांच में निर्दोष साबित होती है, तो यह IPO भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।

हालांकि, मौजूदा स्थिति में निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए।

फैसला लेने से पहले:

अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

SEBI और कंपनी की ओर से आने वाले अपडेट का इंतजार करें।

यह घटना हमें याद दिलाती है कि IPO में निवेश करते समय कंपनी के फंडामेंटल्स और प्रबंधन की पूरी जांच करना कितना जरूरी है।

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