Hyundai Motor Ipo 2024 : भारत के सबसे बड़े Ipo में निवेशकों ने नहीं दिखाया उत्साह, चेक करे GMP समेत अन्य डिटेल

भारतीय शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ Hyundai Motor Ipo 15 अक्टूबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है, जिसे हुंडई मोटर्स इंडिया ने लॉन्च किया है। इससे पहले, 2022 में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ सबसे बड़े आईपीओ का खिताब अपने नाम किया था। Hyundai Motor Ipo का आकार 27,870.16 करोड़ रुपये है, जो इसे भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा आईपीओ बनाता है। Hyundai Motor Ipo 17 अक्टूबर तक खुला रहेगा और इस दौरान निवेशक इसके शेयर खरीदने के लिए बोली लगा सकते हैं।

Hyundai Motor Ipo का प्राइस बैंड और डिटेल्स

हुंडई मोटर्स इंडिया, चेन्नई स्थित एक प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी, 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड में अपने शेयर बेच रही है। इस आईपीओ के तहत कंपनी 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 142,194,700 शेयरों की बिक्री करेगी, जो पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से जारी किए जाएंगे। OFS का मतलब है कि यह शेयर बिक्री पूरी तरह से कंपनी के प्रमोटर्स के जरिए की जाएगी और इससे मिलने वाला पैसा कंपनी के विकास में नहीं जाएगा, बल्कि प्रमोटर्स को मिलेगा।

निवेशकों को Hyundai Motor Ipo में कम से कम सात शेयर और उसके बाद उसके गुणकों के लिए आवेदन करना होगा। शेयरों का अलॉटमेंट 18 अक्टूबर को किया जाएगा और हुंडई मोटर्स इंडिया के शेयर 22 अक्टूबर को भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होंगे।

सब्सक्रिप्शन स्थिति

Hyundai Motor Ipo को शुरुआती घंटों में कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं मिली है। 15 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक, यह केवल 12% सब्सक्राइब हुआ था।

रिटेल निवेशकों के लिए आवंटित हिस्सा 16% सब्सक्राइब हुआ।

गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए आरक्षित हिस्सा 7% सब्सक्राइब हुआ।

कर्मचारियों के लिए आवंटित हिस्सा 43% सब्सक्रिप्शन देखा गया।

योग्य संस्थागत बोलीदाताओं (QIB) की ओर से अभी तक कोई बोली नहीं आई है।

निवेशकों की प्रतिक्रिया और विश्लेषण

मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि Hyundai Motor Ipo का मूल्यांकन (वैल्यूएशन) कुछ महंगा है, जिसके कारण निवेशक अधिक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। IPO का प्राइस बैंड निवेशकों को थोड़ा ऊंचा लग रहा है, जिससे उन्हें इसे खरीदने में संकोच हो रहा है। इसके अलावा, OFS के जरिए शेयरों की बिक्री हो रही है, जिसका मतलब है कि इस आईपीओ से आने वाला पैसा कंपनी की वृद्धि या विस्तार के लिए नहीं जाएगा, बल्कि प्रमोटर्स को मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि निवेशकों में इस आईपीओ को लेकर अधिक उत्साह नहीं है।

इसके अतिरिक्त, ऑटोमोबाइल सेक्टर के आईपीओ को लेकर भारतीय निवेशकों में सामान्य रूप से कम उत्साह देखा जाता है। ऑटो सेक्टर के आईपीओ के प्रति ऐतिहासिक रूप से निवेशकों की प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत कम रही है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि हुंडई मोटर्स इंडिया के IPO को भी अपेक्षित समर्थन नहीं मिल रहा है।

हुंडई मोटर्स इंडिया का जीएमपी

हुंडई मोटर्स इंडिया के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) भी लगातार गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। जब से आईपीओ की आधिकारिक घोषणा हुई है, जीएमपी 45 रुपये से घटकर 30 रुपये पर आ गया है। इसका मतलब यह है कि हुंडई मोटर्स इंडिया के शेयरों की लिस्टिंग पर केवल 1-2% का प्रीमियम मिल सकता है, जो निवेशकों के लिए अपेक्षाकृत कम लाभ का संकेत है।

निष्कर्ष

हालांकि हुंडई मोटर्स इंडिया का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ है, लेकिन निवेशकों से इसे उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। इसके ऊंचे वैल्यूएशन, OFS मॉडल और ऑटो सेक्टर से जुड़ी कमजोर प्रतिक्रियाओं के चलते, अब तक सब्सक्रिप्शन के आंकड़े अपेक्षाओं से कम हैं। हुंडई मोटर्स इंडिया के शेयर बाजार में लिस्टिंग पर भी अधिक प्रीमियम की संभावना नहीं दिख रही है, जिससे निवेशक इस पर विचार करने में सतर्कता बरत रहे हैं।

Leave a Comment