ELSS (Equity Linked Savings Scheme) और FD (Fixed Deposit) दोनों टैक्स सेविंग विकल्प हैं, लेकिन उनके बीच महत्वपूर्ण अंतर हैं। आइए विस्तार से दोनों की तुलना करें:
रिटर्न्स (Returns)
ELSS: ELSS (Equity Linked Savings Scheme) एक म्यूचुअल फंड है, जो इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश करता है। इसके रिटर्न्स मार्केट पर निर्भर होते हैं और इसलिए इसमें रिटर्न्स उतार-चढ़ाव वाले हो सकते हैं। हालांकि, लंबे समय में ELSS (Equity Linked Savings Scheme) आमतौर पर बेहतर रिटर्न देता है। पिछले कुछ वर्षों में इसका औसत रिटर्न 10-15% तक रहा है।
FD: FD (Fixed Deposit) में एक निश्चित ब्याज दर होती है, जो बैंक द्वारा तय की जाती है। इसमें मार्केट रिस्क नहीं होता और रिटर्न्स फिक्स्ड रहते हैं। आम तौर पर FD का रिटर्न 5-7% होता है।
लॉक-इन अवधि (Lock-in Period)
ELSS: ELSS (Equity Linked Savings Scheme) में निवेश करने पर आपके पैसे 3 साल के लिए लॉक हो जाते हैं, जो टैक्स सेविंग स्कीम्स में सबसे कम लॉक-इन पीरियड है।
FD: टैक्स सेविंग FD (Fixed Deposit) में 5 साल का लॉक-इन होता है। इस दौरान आप इसे न तो तोड़ सकते हैं और न ही निकाल सकते हैं।
जोखिम (Risk)
ELSS: क्योंकि ELSS (Equity Linked Savings Scheme) मार्केट पर आधारित है, इसमें जोखिम अधिक है। यदि शेयर बाजार गिरता है, तो आपके निवेश का मूल्य भी घट सकता है।
FD: FD (Fixed Deposit) एक लो-रिस्क निवेश है, क्योंकि इसमें बैंक की गारंटी होती है। यहां पूंजी का जोखिम नहीं होता, और आपको फिक्स्ड रिटर्न मिलता है।
टैक्स बेनिफिट्स (Tax Benefits)
ELSS: ELSS (Equity Linked Savings Scheme) में निवेश करने पर आपको धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, ELSS पर मिलने वाले रिटर्न पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लागू होता है, जो ₹1 लाख से अधिक के मुनाफे पर 10% है।
FD: टैक्स सेविंग FD (Fixed Deposit) पर भी ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। लेकिन यहां मिलने वाले ब्याज पर आपका इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा। FD पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है।
लिक्विडिटी (Liquidity)
ELSS: 3 साल के बाद आप ELSS (Equity Linked Savings Scheme) से पैसे निकाल सकते हैं। साथ ही, ELSS में आप SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए भी निवेश कर सकते हैं, जिससे आपको हर महीने निवेश का विकल्प मिलता है।
FD: 5 साल से पहले टैक्स सेविंग FD(Fixed Deposit) को तोड़ा नहीं जा सकता, जिससे इसमें लिक्विडिटी कम होती है।
उपयुक्तता (Suitability)
ELSS: यह उन निवेशकों के लिए बेहतर है, जो लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं और कुछ जोखिम लेने को तैयार हैं। यह उन लोगों के लिए आदर्श है, जो मार्केट के साथ जुड़े रिटर्न्स को एक्सप्लोर करना चाहते हैं।
FD: यह उन लोगों के लिए सही है, जो कोई जोखिम नहीं लेना चाहते और एक स्थिर रिटर्न की उम्मीद करते हैं। अगर आपका फोकस पूंजी को सुरक्षित रखने पर है, तो FD आपके लिए बेहतर हो सकता है।
टॉप 10 टैक्स सेविंग ELSS फंड्स का रिटर्न
(5 साल का औसत सालाना रिटर्न – CAGR):
- Quant ELSS Tax Saver Fund (Direct): 37.61%
- Bank of India ELSS Tax Saver Fund (Direct): 28.63%
- SBI Long Term Equity Fund (Direct): 27.87%
- Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund (Direct): 26.69%
- Parag Parikh ELSS Tax Saver Fund (Direct): 26.47%
- Bandhan ELSS Tax Saver Fund (Direct): 25.95%
- DSP ELSS Tax Saver Fund (Direct): 25.03%
- JM ELSS Tax Saver Fund (Direct): 25.03%
- Canara Robeco ELSS Tax Saver (Direct): 24.53%
- Mirae Asset ELSS Tax Saver Fund (Direct): 24.41%
टॉप 10 बैंकों के टैक्स सेविंग FD की ब्याज दरें
- SBM Bank India: 7.75% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 8.25%)
- YES Bank: 7.25% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 8.00%)
- DCB Bank: 7.40% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.90%)
- IndusInd Bank: 7.25% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.75%)
- RBL Bank: 7.10% ( सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.60%)
- Axis Bank: 7.0% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.75%)
- HDFC Bank: 7.0% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.50%)
- ICICI Bank: 7.0% (सीनियर सिटिजन्स के लिए 7.50%)
- Karnataka Bank: 6.50% (सीनियर सिटिजन्स के लिए7.00%)
- Bank of Baroda: 6.50% (सीनियर सिटिजन्स के लिए7.15%)
निष्कर्ष:
ELSS (Equity Linked Savings Scheme) लंबे समय में उच्च रिटर्न्स देने की क्षमता रखता है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है।
FD (Fixed Deposit) सुरक्षित विकल्प है, लेकिन रिटर्न्स अपेक्षाकृत कम हैं।
अगर आप जोखिम लेने के इच्छुक हैं और लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं, तो ELSS एक बेहतर विकल्प हो सकता है। वहीं, यदि आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो FD आपके लिए सुरक्षित है।