Demat Account (Dematerialized Account) एक ऐसा Account (अकाउंट) होता है जो निवेशकों को शेयर और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा देता है। यह शेयरों को फिजिकल रूप में रखने की तुलना में सुरक्षित और सुविधाजनक है। इस Account (अकाउंट) के जरिए आप शेयरों को खरीद, बेच या ट्रांसफर कर सकते हैं बिना पेपरवर्क के।
Demat Account खोलने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स:
पहचान प्रमाण (ID Proof):
आधार कार्ड
पैन कार्ड (PAN Card) (अनिवार्य)
पासपोर्ट
वोटर आईडी
पते का प्रमाण (Address Proof):
आधार कार्ड
पासपोर्ट
वोटर आईडी
ड्राइविंग लाइसेंस
बिजली या टेलीफोन का बिल (हालिया)
बैंक खाते का विवरण (Bank Account Proof):
बैंक स्टेटमेंट या कैंसिल्ड चेक
बैंक पासबुक
फोटोग्राफ (Photograph):
पासपोर्ट साइज फोटो
सिग्नेचर वेरिफिकेशन (Signature verification):
आपके सिग्नेचर का प्रूफ
Demat Account कहां खोला जा सकता है:
भारत में कई ब्रोकर फर्म और बैंक Demat Account खोलने की सुविधा प्रदान करते हैं। कुछ प्रमुख ब्रोकर फर्म हैं:
- Zerodha
- Upstox
- HDFC Securities
- ICICI Direct
- Angel One
- Sharekhan
- Motilal Oswal
- 5Paisa
- Kotak Securities
आप अपने बैंक के माध्यम से भी Demat Account खोल सकते हैं, जैसे कि HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank आदि।
Demat Account के लाभ:
- सेफ्टी(Safety): फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट्स खोने, चोरी होने या डैमेज होने का कोई खतरा नहीं रहता है। सब कुछ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित रहता है।
- क्विक ट्रांसफर (Quick Transfer): शेयरों की खरीद-बिक्री तुरंत हो जाती है। ट्रेडिंग पूरी होने के कुछ ही समय में शेयर आपके अकाउंट में जमा हो जाते हैं।
- लोअर ट्रांजैक्शन कॉस्ट (Lower transaction cost): फिजिकल शेयर की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक रूप से शेयर रखने और ट्रांसफर करने में कम लागत आती है।
- कंवीनियंस (Convenience): एक ही Demat अकाउंट में अलग-अलग प्रकार की सिक्योरिटीज (शेयर, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड्स आदि) को रखा जा सकता है।
- ऑटोमैटिक अपडेट्स (Automatic updates): कंपनियों द्वारा दिए गए बोनस, स्प्लिट्स या डिविडेंड्स सीधे आपके Demat अकाउंट में अपडेट हो जाते हैं।
Demat Account के प्रकार:
- Regular Demat Account: यह अकाउंट ज्यादातर घरेलू निवेशकों द्वारा उपयोग किया जाता है, जो भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं।
- Repatriable Demat Account: यह एनआरआई (NRI) के लिए होता है, जो भारत से अपने फंड को विदेशी बैंक खाते में भेजना चाहते हैं। इसके लिए NRE (Non-Resident External) बैंक अकाउंट की आवश्यकता होती है।
- Non-Repatriable Demat Account: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इसमें पैसे को भारत से बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। इसके लिए NRO (Non-Resident Ordinary) Account (अकाउंट) की आवश्यकता होती है।
Demat Account चार्जेस:
Demat Account खोलने और मेंटेन करने के लिए कुछ शुल्क होते हैं, जैसे:
- अकाउंट ओपनिंग चार्जेस (Account opening charges): कई ब्रोकर कंपनियां मुफ्त में अकाउंट खोलती हैं, जबकि कुछ इसके लिए एक छोटी सी फीस चार्ज करती हैं।
- एनुअल मेंटेनेंस चार्ज (Annual Maintenance charges AMC): यह हर साल Demat अकाउंट को मेंटेन करने के लिए लिया जाता है। यह राशि अलग-अलग ब्रोकर फर्मों पर निर्भर करती है।
- ट्रांजैक्शन फीस(transaction charges): जब भी आप शेयर खरीदते या बेचते हैं, ब्रोकर एक छोटी सी फीस चार्ज करते हैं।
कैसे खोलें Demat Account:
- अपने ब्रोकर या बैंक की वेबसाइट पर जाएं और Demat अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करें, जिसमें आधार कार्ड और पैन कार्ड से वेरिफिकेशन होता है।
- एक बार दस्तावेज वेरिफाई होने के बाद, आपको आपका Demat अकाउंट नंबर (Beneficiary Owner ID) मिल जाएगा।
एक बार आपका Demat अकाउंट खुल जाने पर, आप आसानी से शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर:
शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। इस आर्टिकल का उद्देश्य वित्तीय साक्षरता प्रदान करना है, यह निवेश की सलाह नहीं है, कृपया निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य कर लें।