Direct Tax Code 2025: जानिए कौन से बदलाव हो सकते है?

आयकर नियमों की जटिलता को सरल बनाने और लोगों के लिए टैक्स अनुपालन को आसान बनाने के उद्देश्य से भारत में प्रत्यक्ष कर संहिता (Direct Tax Code) 2025 का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस Direct Tax Code का उद्देश्य कर प्रणाली को पारदर्शी, निष्पक्ष और आधुनिक बनाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे एक सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसमें मुख्य बदलावों की संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है:

टैक्सपेयर्स की पहचान सरल होगी

टैक्सपेयर्स को अब केवल “निवासी” और “गैर-निवासी” के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। पहले की तरह आरओआर (निवासी और सामान्यतः निवासी), आरएनओआर (निवासी लेकिन सामान्यतः निवासी नहीं), और एनआर (गैर-निवासी) जैसी जटिल श्रेणियां समाप्त कर दी जाएंगी।

वित्तीय वर्ष की स्पष्टता

नई Direct Tax Code में “आकलन वर्ष” (Assessment Year) और “पूर्ववर्ष” (Previous Year) जैसी जटिल शर्तों को हटाकर केवल “वित्तीय वर्ष” का ही प्रयोग किया जाएगा, जिससे आम टैक्सपेयर्स के लिए समझना और अनुपालन करना आसान होगा।

    कैपिटल गेन पर नई दरें

    नए Direct Tax Code के तहत, कैपिटल गेन को नियमित आय के रूप में माना जाएगा। इससे सभी प्रकार की आय पर समान कर लगाया जा सकेगा। वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक लाभ के लिए 20% कर और दीर्घकालिक लाभ के लिए 12.5% कर का प्रस्ताव किया गया है।

    सैलरीड इनकम का नया नामकरण

    पहले की “वेतन से आय” को अब “रोजगार से आय” कहा जाएगा, जबकि अन्य स्रोतों से आय को “बाकी स्रोतों से आय” का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य आय के स्रोतों को स्पष्ट और समझने योग्य बनाना है।

    टैक्स ऑडिट के लिए नई व्यवस्था

    अब सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट्स) के अलावा सीएस (कंपनी सेक्रेटरी) और सीएमए (कास्ट मैनेजमेंट अकाउंटेंट्स) को भी टैक्स ऑडिट करने की अनुमति दी जाएगी। यह बदलाव टैक्स ऑडिट की उपलब्धता को बढ़ाएगा और टैक्सपेयर्स को सुविधा प्रदान करेगा।

    कंपनियों के लिए एकसमान कर दर

    नई Direct Tax Code के अंतर्गत घरेलू और विदेशी कंपनियों के लिए एक समान कर दर लागू की जाएगी। इससे कंपनियों के लिए अनुपालन आसान होगा और विदेशी निवेशकों के लिए भी भारत में निवेश करना अधिक आकर्षक बनेगा।

    टीडीएस और टीसीएस में सुधार

    प्रत्येक प्रकार की आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) लागू किया जाएगा। इससे कर का नियमित भुगतान सुनिश्चित होगा और कर चोरी पर भी अंकुश लगेगा। कई भुगतानों के लिए टीडीएस दर 5% से घटाकर 2% और ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए 1% से घटाकर 0.1% कर दी जाएगी।

    कटौतियों और छूट का सरलीकरण

    टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने के लिए अधिकांश कटौतियां और छूट हटा दी जाएंगी। हालांकि, वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती ₹75,000 तक बढ़ा दी गई है, जिससे उनकी कर देयता कम होगी।

    Direct Tax Code 2025 के उद्देश्य

    कर नियमों को सरल बनाना ताकि उन्हें आसानी से समझा जा सके।

    टैक्सपेयर्स की संख्या को बढ़ाना, जिससे जनसंख्या का 1% से बढ़कर 7.5% तक टैक्सपेयर्स हों।

    कर नियमों का पालन आसान बनाना और कर संहिता को पारदर्शी बनाना।

    कानूनी विवादों को कम करना ताकि न्यायिक व्यवस्था पर भार कम हो सके।

    Direct Tax Code 2025 का उद्देश्य केवल कर संग्रह बढ़ाना नहीं है, बल्कि करदाताओं के लिए प्रक्रिया को सहज, पारदर्शी और लाभकारी बनाना है। इससे भारतीय कर प्रणाली को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। लिंक

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