NSE के ग्राहक खातों की संख्या 20 करोड़ के पार – भारत में तेजी से बढ़ रहा शेयर मार्केट में निवेश का रुझान

NSE के हालिया डाटा के अनुसार इसके ग्राहकों की संख्या 20 करोड़ को पार कर चुकी है।भारतीय शेयर बाजार साल 2024 में अपने ऑलटाइम हाई पर पहुंच चुका है, और निवेशकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ग्राहक खातों की संख्या अब 20 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। 8 महीने पहले यह संख्या 16.9 करोड़ थी, जो दर्शाता है कि भारतीय बाजार में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है।

NSE पर बढ़ते निवेश के साथ-साथ राज्यों के हिसाब से निवेश के दिलचस्प आंकड़े भी सामने आए हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कौन से राज्य से सबसे ज्यादा निवेशक हैं, किस प्रकार के निवेश साधनों में लोगों की रुचि बढ़ रही है, और शेयर बाजार में नए निवेशकों के आने की मुख्य वजहें क्या हैं।


राज्यों के अनुसार निवेशकों का योगदान – महाराष्ट्र सबसे आगे

NSE के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा निवेशक शेयर बाजार में सक्रिय हैं। महाराष्ट्र के 3.6 करोड़ खातों के साथ यह राज्य निवेशकों के लिहाज से पहले स्थान पर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है, जहां से कुल 2.2 करोड़ अकाउंट होल्डर्स NSE पर सक्रिय हैं। इसके अलावा, गुजरात में 1.8 करोड़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 1.2 करोड़ खाते हैं। इन पांच राज्यों की कुल हिस्सेदारी देश के कुल ग्राहक खातों का लगभग 50% है, और शीर्ष 10 राज्यों की हिस्सेदारी तीन-चौथाई है। यह निवेशकों की एक बड़ा हिस्से को कुछ ही राज्यों से आने को दिखाता है, जिसमें महाराष्ट्र की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।


बढ़ती भागीदारी – किस तरह के निवेश साधनों में है रुचि?

NSE के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर, श्रीराम कृष्णन, ने बताया कि NSE पर पिछले आठ महीने में तीन करोड़ से अधिक नए खाते खुले हैं। यह दर्शाता है कि लोग न केवल इक्विटी शेयरों में, बल्कि अन्य विकल्पों जैसे ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड), REITs (रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट), और InvITs (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) में भी रुचि ले रहे हैं।

इन निवेश साधनों में वृद्धि के पीछे एक मुख्य कारण यह है कि यह निवेशकों को शेयर बाजार के अलावा भी स्थिर और विविधीकृत रिटर्न प्रदान करने के विकल्प देते हैं। ETF, REIT, और InvIT का प्रमुख आकर्षण यह है कि इनमें स्थिर आय के साथ पूंजीगत मूल्य में वृद्धि की संभावना होती है। इन निवेश साधनों के बढ़ते प्रभाव के कारण, नए और छोटे निवेशक भी भारतीय बाजार में निवेश को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं।


छोटे शहरों के निवेशक – डिजिटल ट्रेडिंग और मोबाइल ऐप्स का बढ़ता महत्व

शेयर बाजार में बढ़ते निवेश का एक और प्रमुख कारण छोटे शहरों के लोगों की इसमें बढ़ती भागीदारी है। अब ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोग भी शेयर बाजार में निवेश करने लगे हैं, जिसका मुख्य श्रेय मोबाइल ट्रेडिंग ऐप्स और ऑनलाइन अकाउंट ओपनिंग को जाता है। पहले, निवेशकों को अपने अकाउंट खोलने और ट्रेडिंग करने के लिए ब्रोकरेज फर्म के दफ्तरों या बैंक जाने की जरूरत होती थी। लेकिन अब, मोबाइल ट्रेडिंग ऐप्स की मदद से लोग अपने फोन पर ही घर बैठे अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग कर सकते हैं।

इस बदलाव ने विशेष रूप से युवाओं को शेयर बाजार में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया है। कई निवेश प्लेटफार्म और फिनटेक ऐप्स कम शुल्क पर अकाउंट ओपनिंग और ट्रांजैक्शन सुविधा प्रदान करते हैं। साथ ही, विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मुफ्त में निवेश संबंधित सामग्री और सलाह भी उपलब्ध होती है, जिससे नए निवेशकों को शेयर बाजार में कदम रखने का आत्मविश्वास मिलता है।


NSE – भारत का सबसे बड़ा और पहला इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज

NSE, भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और यह 1994 में स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग सिस्टम लागू करने वाला पहला एक्सचेंज था। इसके शुरुआत से ही यह अपनी आधुनिक तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की वजह से निवेशकों के बीच लोकप्रिय है। NSE ने भारतीय स्टॉक मार्केट में डिजिटल बदलाव की शुरुआत की, जिससे निवेशकों को आसानी से ट्रेडिंग करने और बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिली।

SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के अनुसार, साल 1995 के बाद से, NSE इक्विटी शेयरों के कुल और औसत दैनिक कारोबार के मामले में सबसे बड़ा एक्सचेंज माना गया है। इसके चलते NSE निवेशकों को एक सुरक्षित और पारदर्शी प्लेटफार्म प्रदान करता है, जिससे उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने में अधिक आत्मविश्वास मिलता है।


भारत में NSE के बढ़ते निवेशकों का भविष्य

NSE में ग्राहक खातों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी दर्शाती है कि भारतीयों के बीच निवेश जागरूकता और रुचि में इजाफा हो रहा है। अब निवेशकों का दृष्टिकोण केवल बचत और फिक्स्ड डिपॉजिट तक सीमित नहीं है, बल्कि वे अपने पैसे को शेयर बाजार में निवेश करके अधिक मुनाफा कमाने के इच्छुक हैं। इसके साथ ही, सरकार द्वारा भी फिनटेक सेक्टर को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो आने वाले समय में और अधिक लोगों को शेयर बाजार में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेगा।


निष्कर्ष: भारतीय शेयर बाजार में निवेश के बढ़ते रुझान की ओर एक कदम

20 करोड़ ग्राहक खातों का आंकड़ा पार करना भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। NSE ने न केवल देश के आर्थिक विकास को मजबूती दी है, बल्कि आम नागरिकों को वित्तीय स्वतंत्रता की ओर भी बढ़ाया है। छोटे शहरों के लोग भी अब शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, जिससे न केवल उनकी वित्तीय सुरक्षा बढ़ रही है, बल्कि बाजार में अधिक भागीदारी भी हो रही है।

यह नया माइलस्टोन न केवल NSE की सफलता का प्रतीक है, बल्कि एक संकेत भी है कि आने वाले समय में भारत में निवेश की संभावनाएं और अधिक बढ़ेंगी। NSE और अन्य स्टॉक एक्सचेंज इस परिवर्तन को गति देने के लिए डिजिटल तकनीक और निवेश उत्पादों का विकास कर रहे हैं, जिससे भारतीय निवेशक वित्तीय रूप से और अधिक सशक्त हो सकें।

डिस्कलेमर

स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं।बाजार की अस्थिरता के कारण निवेश में नुकसान भी हो सकता है। इसलिए निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है

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